( उदा देवी पासी :एक ऐसी वीरांगना जिसने अंग्रेजों के सामने जिसने कभी घुटने नहीं टेके।परंतु इतिहास के पन्नों में कहीं खो गई। )
सुनो सुनो जी एक कहानी
उदा देवी पासी की
थी सेना की चीफ़ कमांडर
हजरत महल की सेना की
उदा देवी पासी की
थी सेना की चीफ़ कमांडर
हजरत महल की सेना की
धूल चटा दी अंग्रेजों को
ऐसी वह मरदानी थी
हार नहीं मानेगी बिलकुल
मन में उसने ठानी थी
ऐसी वह मरदानी थी
हार नहीं मानेगी बिलकुल
मन में उसने ठानी थी
आजादी का बिगुल बजा जब
लहू उनका भी उबल उठा तब
अंग्रेजों ने करी चढ़ाई
सेना लखनऊ तक बढ़ आई
लहू उनका भी उबल उठा तब
अंग्रेजों ने करी चढ़ाई
सेना लखनऊ तक बढ़ आई
दाँव पे लगा मान सम्मान
युद्ध छिड़ गया घमासान
युद्ध छिड़ गया घमासान
चली गोलियां दोनों तरफा
बंदूकें भी बोल रहीं थी
उदा की हिम्मत के आगे
गोरी सेना खेत रही थी
बंदूकें भी बोल रहीं थी
उदा की हिम्मत के आगे
गोरी सेना खेत रही थी
सिर पर कफन बाँध कर निकली
वो ऐसी बलिदानी थी
जब तक सांसों में स्पन्दन था
हार न उसने मानी थी
वो ऐसी बलिदानी थी
जब तक सांसों में स्पन्दन था
हार न उसने मानी थी
सुनो सुनाऊँ उनकी कहानी
वह तो उदा पासी थी
थी सेना की चीफ़ कमांडर
हजरत महल की सेना की.
वह तो उदा पासी थी
थी सेना की चीफ़ कमांडर
हजरत महल की सेना की.
जोश पूर्ण सुंदर प्रस्तुति, सुधा दी।
ReplyDeleteप्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया ज्योति जी.
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