Saturday, February 15, 2020

छत्रपति शिवाजी.... हिन्दी पोवाड़ा




जी जी जी जी........
राजे ऐसा सत्ताधारी, राजे ऐसा सत्ताधारी
जी जी जी जी........

धन्य हो गई धरा राष्ट्र की, गूँज उठी थी शिवऩेरी 
पशु पक्षी भी लगे नाचने, पुलकित थे सब नर नारी 

जन्म लिया जब छत्रपति ने बजने लगी थी रणभेरी 
लाल महल में गूंज उठी थी राजे की किलकारी

चहक उठी तब भारत भूमि, छंट गई रात अँधेरी 
जीजाऊ ने तब भड़काई स्वराज की चिनगारी   

अस्त्र शस्त्र, शास्त्रों की ज्ञाता, थी वीरांगना नारी 
ज्ञान देती थी शिवराजे को सबका बारी बारी 

अग्नि स्वराज की लगी धधकने, उठा ली जिम्मेदारी
सब के दिल में राज किया, था ऐसा
सत्ताधारी

शिवराया सत्ताधारी, राजे ऐसा सत्ताधारी
जी जी जी जी........


16 comments:

  1. "शिवराया सत्ताधारी, राजे ऐसा सत्ताधारी"

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    1. आदरणीय शुक्रिया आपका

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (17-02-2020) को 'गूँगे कंठ की वाणी'(चर्चा अंक-3614) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    *****
    रवीन्द्र सिंह यादव

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  3. सुन्दर रचना

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  4. शिवाजी के जन्मदिवस पर नमन,
    आपकी भावनाओ की सराहना l

    घर घर हों जीजाबाई तो शिव
    एकबार फिर जन्म लेगा,
    फिर बाजेगी रणभेरी, आंगन
    किलकारी से गूंजेगा l
    आइए हम माताएँ शपथ ले l

    रेणु सक्सेना


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  5. बेहतरीन रचना सुधा जी

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  6. भावपूर्ण और प्रभावी रचना

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  7. बेहतरीन सृजन सखी
    सादर

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  8. बहुत सुन्दर भावपूर्ण सृजन...।

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