तव चरणन में वंदन मेरा
हे मातु शारदे वर दे.. वर दे..
हे श्वेतांबरा, हे पद्मासिनी ,
उर-अन्तर मेरा प्रीत से भर दे..
हे वागीश्वरी, हे वीणा वादिनी
जिव्हा को मधुरिम स्वर दे..
हे मृगनयनी, पावन करणी
सद्गुण शाली इह जग कर दे..
हे हंसारूढ़ी, हे बुद्धिदायिनी,
ज्ञानचक्षु प्रकाशित कर दे...
हे धवलवर्णा, हे चंद्रवदिनी
कर तिमिर दूर,अभय वर दे...
हे विशालाक्षी, हे शतरूपा
दे आशीष, मेरा जीवन तर दे...
सुधा सिंह 📝
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बहुत सुन्दर सखी
ReplyDeleteसादर
मनोबल बढ़ाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया सखी🙏🙏🙏
Deleteबहुत सुंदर रचना 👌 जय माँ शारदे
ReplyDeleteहृदय तल से आभार अनु जी 🙏 🙏 🙏
Deleteबहुत बहुत सुंदर अप्रतिम वंदना मन भा गयी👌👌👌
ReplyDeleteप्रिय श्वेता, तुम्हारी प्रतिक्रिया मेरी रचना को अर्थ प्रदान करती है ❤ 💐.बहुत बहुत आभारी हूँ तुम्हारी.
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