Sunday, February 10, 2019

हे मातु शारदे... (गेय वंदना)


हे मातु शारदे....

तव चरणन में वंदन मेरा
हे मातु शारदे वर दे.. वर दे..

हे श्वेतांबरा, हे पद्मासिनी ,
उर-अन्तर मेरा प्रीत से भर दे..

हे वागीश्वरी, हे वीणा वादिनी
जिव्हा को मधुरिम स्वर दे..

हे मृगनयनी, पावन करणी
सद्गुण शाली इह जग कर दे..

हे हंसारूढ़ी, हे बुद्धिदायिनी,
ज्ञानचक्षु प्रकाशित कर दे...

हे धवलवर्णा, हे चंद्रवदिनी
कर तिमिर दूर,अभय वर दे...

हे विशालाक्षी, हे शतरूपा
दे आशीष, मेरा जीवन तर दे...

सुधा सिंह 📝

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6 comments:

  1. बहुत सुन्दर सखी
    सादर

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    1. मनोबल बढ़ाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया सखी🙏🙏🙏

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  2. बहुत सुंदर रचना 👌 जय माँ शारदे

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    1. हृदय तल से आभार अनु जी 🙏 🙏 🙏

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  3. बहुत बहुत सुंदर अप्रतिम वंदना मन भा गयी👌👌👌

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    1. प्रिय श्वेता, तुम्हारी प्रतिक्रिया मेरी रचना को अर्थ प्रदान करती है ❤ 💐.बहुत बहुत आभारी हूँ तुम्हारी.

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